जीवन में सुख शान्ति और सफलता के लिए Maa kali mantra in hindi.
नमस्कार दोस्तों आज का हमारा विषय है Maa kali mantra in hindi जैसा कि आप सब लोग जानते ही होंगे कि मां काली दुर्गा माता का ही एक रूप है. मां काली जिन्हें हम महाकाली भी कहते हैं उनका यह रूप मां दुर्गा के सभी रूपों में सबसे ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है. दसों विद्याओं में माँ काली का प्रथम स्थान माना जाता है. मां काली के अवतार का मुख्य उद्देश्य ही इस संसार से दुष्ट, पापी और अभिमानी राक्षसों का संहार करने के लिए हुआ था.
मां काली कौन है ?
महाकाली हमारे हिंदू धर्म में पूजे जाने वाली एक प्रमुख देवी है. माता भगवती जो कि एक अत्यंत सुंदर देवी है दुर्गा मां उन्हीं का एक अत्यंत उग्र और काला स्वरूप है जिन की उत्पत्ति सिर्फ और सिर्फ इस संसार से दुष्ट और पापी राक्षसों के नाश के लिए हुई है.
माता काली का यह रूप जिसमें वह अत्यंत क्रोधित और भय प्रेत मुद्रा में रहती है यह रूप सिर्फ उनके लिए है जो भीतर से दानव प्रवृत्ति के होते हैं और जिन मनुष्य के अंदर कोई दया भाव नहीं होता. अन्यथा जो मन से सच्चे और दया भाव वाले होते हैं उन्हें मां दुर्गा, जय मां काली से कभी डर नहीं लगता. माता काली की पूजा हमारे भारत में ज्यादातर असम और बंगाल में की जाती है.
माता काली का एकमात्र ऐसा रूप है जो इस संसार को बुराई से अच्छाई में जीत दिलाने में मदद करती है और मां काली हमेशा सच्चे ह्रदय और सच्चे मनुष्य कि शुभचिंतक रहती है. हमारे भारत में कई जगह मां काली को महाकाली के नाम से भी जाना जाता है महाकाली में इतनी शक्ति है कि वह जहर खाए इंसान को भी बचा लेती है. पर अगर मां काली क्रोधित हो गई तो पूरे ब्रह्मांड में भी उनसे बच पाना मुश्किल है.
मां काली की उपासना
हमारे समाज में अक्सर यह कहा जाता है कि मां काली की उपासना या पूजा तांत्रिक अघोरी यह सन्यासी ही करते हैं क्योंकि मां काली की उपासना बहुत कठिन होती है और इसमें बहुत संयम की आवश्यकता होती है. पर मां काली के कुछ ऐसे सरल मंत्र भी हैं जिनका आम आदमी भी आसानी से इस्तेमाल कर कर अपने जीवन में आने वाले कष्टों को दूर कर सकता है.
तो आइए जान लेते हैं वे कौन से ऐसे मां काली के मंत्र है जिनका उपयोग आप आसानी से कर सकते हैं.
मां काली को प्रसन्न करने का मंत्र
इस शक्तिशाली मंत्र की रचना मां काली के विभिन्न बीज मंत्रों को सम्मिलित करके की गई है जिस वजह से यह मंत्र और भी अधिक शक्तिशाली और महत्वपूर्ण हो जाता है.
अक्सर मां काली के साधक या उनके भक्त इस मंत्र का नियमित जाप करते हैं जिससे मां काली अति शीघ्र प्रसन्न होकर उन पर अपनी कृपा दृष्टि रखती है. इस मंत्र का उपयोग तांत्रिक और अघोरी भी करते हैं ताकि मां काली अति शीघ्र प्रसन्न होकर उन्हें शक्ति प्रदान करें.
भद्रकाली मंत्र – Maa kali mantra in hindi
अगर आपके जीवन में कोई शत्रु है जो आपको परेशान कर रहा है तो आप इस भद्रकाली मंत्र का प्रयोग करके अपने शत्रुओं को अपने वश में करने के लिए कर सकते हैं।
इस मंत्र का उपयोग शत्रुओं का तीव्र विनाश करने के लिए किया जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मां भद्रकाली अर्थ, कर्म और धर्म की सिद्धि देने वाली माता है इसलिए जो भी साधकअपनी जिस भी कामना से मां भद्रकाली की साधना और पूजा अर्चना सच्चे मन से करता है उसकी हर इच्छा मां भद्रकाली पूर्ण करती है. इस मंत्र का नियमित जाप करने से आपके हर शत्रु परास्त होंगे और आपके जीवन में कोई भी कठिनाई नहीं होगी.
रोग से मुक्ति के लिए श्री दक्षिणकाली मंत्र
अगर आप या आपके परिवार में कोई भी ऐसा सदस्य हैं जो किसी भयंकर रोग से पीड़ित है और इलाज करवाने पर भी ठीक नहीं हो रहा है तो आपको इस श्री दक्षिण काली मंत्र का नियमित जाप करना चाहिए.
यह मंत्र श्री दक्षिण काली मंत्र का बहुत ही प्रचलित मंत्र है जो रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है इस शक्तिशाली मंत्र से मनुष्य के जीवन में होने वाले हर रोग या दोष समाप्त हो जाते हैं. इस मंत्र का नियमित जाप करने से मां काली की विशेष कृपा शीघ्र ही साधक को प्राप्त होती है.
मां काली एकाक्षरी मंत्र Maa kali mantra in hindi
इसे मां काली का एकाक्षरी मंत्र कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से मनुष्य को उपासना और आराधना की प्राप्ति होती हैऔर साथ ही साथ मां काली की कृपा दृष्टि भी बनी रहती है. इस मां काली के मंत्र को एकाक्षरी मंत्र के साथ-साथ चिंतामणि काली मंत्र भी कहा जाता है
मां काली तीन अक्षरी मंत्र
जो भी मनुष्य या साधक मां काली के सभी प्रचंड रूपों की आराधना एक साथ करना चाहता है उसे यह तीन अक्षरी मंत्र का नियमित जाप करना चाहिए मां काली का एकाक्षरी मंत्र वह तीन अक्षरी मंत्र तांत्रिक द्वारा साधना के दौरान पहले जाप किया जाता है उसके बाद संपुट की तरह भी इसका उपयोग किया जाता है.
मां काली पांच अक्षरी मंत्र
अगर आप अपने जीवन में आने वाले सभी दुखों का निवारण करना चाहते हैं तो आपको नियमित तौर पर मां काली के पांच अक्षरी मंत्र का रोज ब्रह्म मुहूर्त में 108 बार जाप करने से आपके जीवन में आने वाले सभी दुखों का निदान महाकाली स्वयं करती हैं और साथ ही साथ आपके जीवन को धन्य ध्यान से भरपूर कर देती है. इस दिव्य और शक्तिशाली मंत्र का उपयोग आप अपने पारिवारिक शांति के लिए भी कर सकते हैं.
षडाक्षरी काली मंत्र
जो भी साधक इस माह काली के षडाक्षरी काली मंत्र का नियमित रूप से जाप करता है उसे मां काली सम्मोहन और तांत्रिक सिद्धियों का वर प्रदान करती है. ऐसा माना जाता है कि जो भी तांत्रिक या साधक इस मंत्र में सिद्धि हासिल कर लेता है वह तीनों लोग को मोहित करने की क्षमता रखता है आज भी बंगाल के कई तांत्रिक इस मंत्र का उपयोग वशीकरण के लिए करते हैं.
सप्ताक्षरी काली मंत्र
इस दिव्य मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से आदमी को जीवन में अर्थ, काम, धर्म की प्राप्ति तो होती ही है और साथ ही साथ मृत्यु के बाद भी मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिव्य मंत्र का नियमित जाप अवश्य करना चाहिए.
मां काली का तांत्रिक साधना का मंत्र
यह माँ काली का अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है और इस मंत्र का प्रयोग मात्र तांत्रिकों व अघोरियों द्वारा तांत्रिक साधना के लिए किया जाता है.
श्री श्मशान काली मंत्र
हमारे पौराणिक शास्त्रों में ऐसा कहा भी जाता है और ऐसा माना भी जाता है कि मां काली का निवास श्मशान में होता है और वह शव की सवारी करती है.
तांत्रिक शास्त्रों के अनुसार शमशान काली की साधना शव पर बैठकर की जाती है यही कारण है कि यह साधना अत्यंत ही कठिन और जटिल है जो आम इंसान के बस की बात नहीं है और सामाजिक तौर पर और कानूनी रूप से भी यह वैद्य नहीं है और इस पर प्रतिबंध लगा हुआ है.
इसके बावजूद आज भी कई तांत्रिक श्मशान काली की साधना करने के लिए सर्वप्रथम लकड़ी के टुकड़ों से शव का रूप देकर उसमें प्राण प्रतिष्ठा करते हैं उसके बाद तांत्रिक श्मशान काली की साधना करते हैं. इस साधना से वह पिशाच, भूत और प्रेत को अपने वश में करते है.
मां दुर्गा के नौ रूप
प्राचीन भारतीय परंपरा से ही माँ दुर्गा को शक्ति का रूप माना गया है और इन के विभिन्न रूपों की पूजा अर्चना का विधान हमारे शास्त्रों में बताया गया है जैसा कि आप सब जानते ही होंगे कि हमारे भारत में वर्ष में दो बार मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा आराधना के लिए नवरात्रि का आयोजन होता है. तो आइए जान लेते हैं वह कौन से ऐसे नौ स्वरूप है मां दुर्गा के जिनकी पूजा हर नवरात्र में करते हैं.
शैलपुत्री
शैलपुत्री मां दुर्गा के प्रथम स्वरूपों में से एक है शैल का हिंदी में अर्थ होता है हिमालय क्योंकि इनका जन्म ही पर्वतराज हिमालय के यहां हुआ था इसलिए इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है इनका वाहन बैल है जिस वजह से ने कई जगह वृषभारूडा के नाम से भी जाना जाता है.
ब्रह्मचारिणी
नवरात्र के दूसरे दिन मां के जिस रुप की पूजा होती है वह है ब्रह्मचारिणी. मां के दाएं हाथ में हमेशा एक माला और उनके बाएं हाथ में कमल मंडल है.
चंद्रघंटा
मां चंद्रघंटा की पूजा नवरात्र के तीसरे दिन में की जाती है. मां चंद्रघंटा का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि उनके मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्रमा विराजमान रहता है. मां चंद्रघंटा के 10 हाथ हैं और मां चंद्रघंटा खड़क आदि विभिन्न शस्त्र और अस्त्र से सुसज्जित रहती हैं.
कुष्मांडा
मां कुष्मांडा की पूजा नवरात्र के चौथे दिन में की जाती है और ऐसा माना जाता है कि पूरे ब्रम्हांड में जब चारों ओर अंधकार था तब मां दुर्गा ने इस ब्रह्मांड की रचना की थी यही वजह है कि उन्हें कुष्मांडा के नाम से जाना जाता है क्योंकि वह सृष्टि की उत्पत्ति का कारण बनी थी. माता कुष्मांडा की आठ भुजाएं हैं और वह हमेशा सिंह पर सवार रहती है
स्कंदमाता
मां स्कंदमाता की पूजा नवरात्र के पांचवें दिन में की जाती है. स्कंद की माता होने की वजह से मां का नाम स्कंदमाता पड़ा स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं. इन्हे कंद माता नाम से इसलिए भी जाना जाता है क्योंकि इनकी एक हाथ में कंद अर्थात कार्तिकेय जी है, माता का वाहन सिंह है.
कात्यायनी
मां कात्यायनी की पूजा अर्चना नवरात्र के छठे दिन में की जाती है और भक्तों को ऐसा विश्वास है कि इनकी उपासना और पूजा करने से धर्म काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है मां कात्यायनी की चार भुजाएं हैं उनके ऊपर वाले हाथ में अभय मुद्रा है और नीचे वाले हाथों में मुद्राएं हैं और दूसरी तरफ बाएं हाथ के ऊपर वाले हाथ में तलवार है तो वहीं दूसरी नीचे वाले हाथ में कमल का फूल है.
कालरात्रि
मां कालरात्रि की पूजा नवरात्र के सातवें दिन में की जाती है. मां कालरात्रि का स्वरूप एकदम काला है जहां पर माता के बाल पूरे बिखरे हुए हैं और इन्होंने गले में बिजली की माला धारण की हुई है शास्त्रों में इन्हें ब्रह्मांड के तमाम असुरों का विनाश करने वाला बताया गया है मां कालरात्रि के तीन नेत्र हैं और चार भुजाएं.
महागौरी
नवरात्र के आठवें दिन जिस देवी रूप की पूजा अर्चना की जाती है वह है मां महागौरी जैसा कि इनके नाम से ही हमें स्पष्ट तौर पर पता चलता है कि इनका रंग सफेद है अर्थात पूर्ण रूप से गौर है. मां महागौरी का वाहन बैल है और इनकी चार भुजाएं हैं
सिद्धिदात्री
नवरात्रि के आखिरी दिन यानी नौवे दिन जिस देवी रूप की पूजा होती है वह है मां सिद्धिदात्री जैसा की माता के नाम से ही प्रतीत होता है कि माँ समस्त सिद्धियों को प्रदान करने वाली माता है इनकी भी चार भुजाएं और मां का आसन कमल का पुष्प है.