मंगल दोष को कुछ लोग मांगलिक दोष भी कहते हैं। ज्योतिष विधा के अनुसार मंगल ग्रह विनाशकारी माना गया है। यह जिस भी जातक की कुंडली में प्रवेश करता है, उसे नष्ट करके रख देता है। उसके जीवन में उथल-उथल मच जाती है, कोई भी कार्य सफल नहीं होता, तमाम कोशिशों के बाद भी वह असफल ही रहता है। जिन लोगों को मंगल दोष होता है उनकी शादी में बेहद परेशानियां आती हैं। माना जाता है कि कुण्डली में जब प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल होता है तब मंगलिक दोष लगता है। ऐसी मान्यता है कि यह दोष जिनकी कुण्डली में हो उसे मंगली जीवनसाथी ही तलाश करनी चाहिए। ज्योतिषानुसार यदि आपकी कुंडली में मंगल है और इसी कारण आपका विवाह नहीं हो पा रहा है या विवाह होने के बाद वैवाहिक जीवन में संकट खड़े हो गए हैं तो हमारे द्वारा बताए गए ये उपाय अपनाएं और निश्चिंत हो जाएं। आपका मंगल दोष शांत हो जाएगा।
· आप रोज़ाना या विशेष तौर पर मंगलवार के दिन बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं। इसके अलावा अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए। समय-समय पर पौधे को पानी देना ना भूलें।
- यदि वर मांगलिक है और कन्या मांगलिक नहीं तो विवाह के समय वर जब वधू के साथ फेरे ले रहा हो तब पहले तुलसी के साथ फेरे ले ले इससे मंगल दोष तुलसी पर चला जाता है और वैवाहिक जीवन में मंगल बाधक नहीं बनता है।इसी प्रकार अगर कन्या मांगलिक है और वर मांगलिक नहीं है तो फेरे से पूर्व भगवान विष्णु के साथ अथवा केले के पेड़ के साथ कन्या के फेरे लगवा देने चाहिए।
- मंगल दोष से पीड़ित जातक को छोटे भाई बहनों का ख्याल रखना चाहिए। धर्म शास्त्रों के अनुसार मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिन्दूर ले कर उसका टीका माथे पर लगाने से हनुमान मंगल दोष को नष्ट कर देते हैं।
- लाल रंग को देखें पर उस रंग के वस्त्र न पहनें। क्रोध कम करें। अधिक काम वासना से अलग रहें। सकारात्मक सोच को और भी ज्यादा बेहतर बनाएं। संयमित जीवन रखें। मंगलवार को एक समय भोजन। हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- देवियों में मंगल गौरी की कृपा से मंगल दोष कम होता है अत: शुक्रवार को माँ मंगला गौरी की आराधना करे। भगवान शिव के चमत्कारी महामृत्युजय मंत्र का जाप करना भी दोष को कम करने के समान है।
- आटे को लोई में गुड रखकर सफेद गाय को यह खिलाये। मंगल चन्द्रिका स्तोत्र एक शक्तिशाली मंगल दोष कम करने का पाठ है।
· यदि एक के मंगलिक होने पर दूसरा न जन्मकुंडली से न चंद्रकुंडली से मंगलिक हो तथा न ही मंगल दोष कट रहा हो तो वैसी स्थिति में तीसरे, छठे व ग्यारहवें भाव में पाप ग्रह के स्थित होने पर भी विवाह मान्य हो जायेगा क्योंकि वर-वधू दोनों ही ऊर्जावान होंगे।
यदि मंगल पीड़ित होकर गंभीर मांगलिक दोष बना रहा हो तो ‘पीपल’ विवाह, वट विवाह, कुंभ विवाह, सालिग्राम विवाह तथा मंगल यंत्र आदि का पूजन करके व मंगलचंडी मंत्र का जप व हवन कराके मंगल की शांति कराएं तथा अच्छे ग्रह योगों वाले जातक से विवाह करा दें । हनुमान चालिसा का पाठ और गणेश पूजन तथा मंगल यंत्र की पूजा करना सदैव शुभफलदायी रहेगा।