वशीकरण , आकर्षण एवं सम्मोहन एक जटिल क्रिया है । इसके लिए लग्न , परिश्रम , एकाग्रता और सही गुरु के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है ।वशीकरण जितनी जटिल क्रिया है , तंत्र साधना के माध्यम से उतनी ही सरल हो जाती है । वशीकरण , आकर्षण एवं सम्मोहन के लिए स्वयं प्रयत्न्न करे । वशीकरण सूक्ष्म तरंगो पर आधारित क्रिया है । इसके प्रभावी होने पर साधक के भीतर – बाहर जिस प्रकार का परिवर्तन होता है , उसी प्रकार तंत्र में तांत्रिक साधना के मध्य प्रदार्थो, आकृतियों और मंत्रो के कारण साधक की विचार शक्ति की तरंगे अधिक तीव्र एवं अधिक शक्ति के साथ प्रसारित होती हैं।
तांत्रिक अनुष्ठानों के लिए वस्तुओं के प्रयोग की बातें आदिकाल से चली आ रही हैं । ये प्रयोग हमारे जीवन में इस तरह से रच – बस गए हैं की प्राय: सभी के लिए स्वीकार्य होता हैं । पूजा या किसी अन्य अनुष्ठानो के लिए दीवारों पर बनाई गई आकृतियां तांत्रिक गणित का ही फलादेश हैं । साधक की शक्ति ही तांत्रिक अनुष्ठानो को सफल बनती हैं । इसके लिए किए जाने वाले प्रयोग चाहे मांत्रिक हों, तांत्रिक हों या यांत्रिक हों – इन सभी की सफलता साधक की निर्मलता पर निर्भर करती हैं ।
मन्त्र को शक्ति का रूप माना जाता हैं । ॐ उसका मूर्तरूप हैं । विराट शक्ति के किसी भी रूप से सम्बंधित मन्त्र का उच्चारण करने से शक्ति उत्पन्न होती हैं । यह शक्ति उत्पन्न होती हैं । यह शक्ति साधक के शरीर में विधुत के रूप में पहुंच जाती हैं । हमारे ऋषि-महर्षियो ने प्राचीन काल में हज़ारो मंत्रो की रचना की । उन्होंने मन्त्र जप के प्रभावों को जाना और कष्टों को दूर करने का उपाय बताया । मंत्रो का प्रभाव आज भी यथावत हैं और इससे सभी प्रकार के अनिष्टों से बचा जा सकता हैं । आवश्यकता है – आपके विश्वास और श्रद्धा की । विश्वास, श्रद्धा और विधि – विधान द्वारा किए गए मन्त्र जप से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण संभव है ।
वशीकरण एक प्रकार से सम्मोहन का ही परिष्कृत रूप है । सम्मोहन में एक क्रिया द्वारा व्यक्ति किसी को अपने संकेतो पर चलता है । हम जो भी देखते या सुनते है , उसका हमारे मन -मस्तिष्क पर तत्काल प्रभाव होता है । आपने कोई हृद्य विदारक दुर्घटना देखि तथा आपके दिल और दिमाग पर सीधा प्रभाव हों गया ।
आप लाख प्रयत्न करने पर भी उसे भी नहीं भूल सकते । आपको किसी ने अपशब्द कहे , आपने सुने । तत्काल आपका चेहरा लाल हों उठेगा , आपका खून खुल उठेगा । आप गुस्से से भर जायेंगे । उस समय आप अपने पर काबू नहीं रख सकते । आप सब कुछ कर गुजरने के लिए तैयार हों जायेंगे । यह स्वाभाविक क्रियाए कहलाती हैं। आदमी का वश इन पर नहीं चलता । जब आदमी का वश इन पर नहीं चलता और जिससे वह वशीभूत होता हैं तो वह “वशीकरण ” कहलाता हैं ।