आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन गुरु पूजा का विशेष विधान है। ज्योतिष शास्त्र में भी गुरुपूर्णिमा का विशेष महत्व है। जिन लोगों की कुंडली में गुरुप्रतिकूल स्थान पर होता है, उनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते है। वे लोग यदि गुरु पूर्णिमा के दिन नीचे लिखे उपाय करें तो उन्हें इससे काफी लाभ होता है। यह उपाय इस प्रकार हैं-
- भोजन में केसर का प्रयोग करें और स्नान के बाद नाभि तथा मस्तक पर केसर का तिलक लगाएं।
- साधु, ब्राह्मण एवं पीपल के वृक्ष की पूजा करें।
- गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान के जल में नागरमोथा नामक वनस्पति डालकर स्नान करें।
- पीले रंग के फूलों के पौधे अपने घर में लगाएं और पीला रंग उपहार में दें।
- केले के दो पौधे विष्णु भगवान के मंदिर में लगाएं।
- गुरु पूर्णिमा के दिन साबूत मूंग मंदिर में दान करें और 12 वर्ष से छोटी कन्याओं के चरण स्पर्श करके उनसे आशीर्वाद लें।
- शुभ मुहूर्त में चांदी का बर्तन अपने घर की भूमि में दबाएं और साधु संतों का अपमान नहीं करें।
- जिस पलंग पर आप सोते हैं, उसके चारों कोनों में सोने की कील अथवा सोने का तार लगाएं ।
- जो छात्र शिक्षा संबंधी बाधा से परेशान चल रहे है। उन्हें गुरु पूर्णिमा के दिन गीता का पाठ कर भगवान श्री कृष्ण का पूजन और गाय की सेवा अवश्य करनी चाहिए।
- अगर भाग्योदय नहीं हो पा रहा है, कारोबार धीमा चल रहा है, तो ऐसे में किसी भी जरूरतमंद को पीले अनाज, वस्त्र और पीली मिठाई का दान करना चाहिए।
- भाग्योदय के लिए किसी विद्वान की सहायता से शुभ मुहूर्त में गुरु यंत्र की स्थापना करें और उसका पूजन करें.