Amliyat e mohbbat ek rashta hai jo apko allah se milta hai. Amal karne se pahle kuch amal ke uncovered me janana bahut jaruri hai. Jaise ek bacha bina padhe examination me pas nhi ho sakta usi tarah apka amal amliyat ke bina aadura hai. Amal me kamyab sharpen ke liye amliyat sikhni bahut jaruri hai. Amaliyat e mohabbat hindi me allah ke naam se suru hoti hai. Kyoki allah razi hoge tab whats up apka amal kamyab hoga. Kisi ki mohabbat sheet ke liye aap amal kar sakte hai. Agar apko kuch puchna ho to aap humse rabta kare sakte hai.
अम्लियत ए मोहब्बत
अल्लाह के नाम पर, जो सबसे दयालु, सबसे अनुग्रहकारी है मई शांति, दया और अल्लाह का आशीर्वाद तुम्हारे साथ हो यह वेबसाइट प्यार और प्यार पाने का तरीका है। प्यार होना किसी के लिए संभव है अम्लियत ए मोहब्बत हिंदी में जो आपको वापस प्यार नहीं करता। लेकिन यह जीवन कोई जीवन नहीं है यह वेबिस्ट आपको कुरानी के तरीकों को देता हैै ।
कुछ लोगो को नोचंदी जुमेरात के बारे में नहीं पता होता है ।आज में आपको नोचंदी जुमेरात के बारे में बाटने जा रहा हूँ । कुछ अमल नौचंदी जुमेरात से शुरू किये जाते है । ये वज़ीफ़ा उरुज़ माह नोचंडी जुमेरात से शुरू करना होगा । नौचंदी जुमेरात का मतलब यहाँ हीजरी/चाँद के माह की पहली जुमेरात से हैं । अम्लियत ए मोहब्बत का मतलब यह यही की आप मोहब्बत के लिए आप अमल करने जा रहे है । मोहब्बत के लिए कुछ अमल आसान होते है तो कुछ अमल बहुत मुश्किल होते हैै।
वज़ीफ़ा कैसे करना है
अम्लियत ए मोहब्बत करने से पहले आपको एक उस्ताज की जरुरत होगैै। इसलिए आपको एक उस्ताज बनाना है अगर आप चाये तो आप हमे उस्ताज बनाकर अम्लियत का एक हीसा बन सकते है, पर जो भी आप अमल करे तो वो सिर्फ जैयाज़ मक़सद के लिए करे । अगर आप अपने बारे में अच्छा और दुसरो के बारे में गलत नियत रखते है तो आपका अमल करना बेकार हो जायेगाैै । इसका असर उल्टा आप पर ही पड़ेगा ।
- जब आपको सोने की नियत हो तो उससे टीक पहले रात को जब सोने जाये तो सबसे पहले;
- पाक आयत ए करीमा यह है
- “क़द शगफाहा हुब्बन”
- सबसे अव्वल ताज़ा वुदू बना लीजिये !
- बिस्तर चाये ज़मीन पर हो या फिर किसी चारपाई या बैड पर बस पाक साफ़ होना चाहिए आप जाकर बैठ जाये !
- अव्वल दुरद शरीफ ११ मर्तबा पढ़े !
- बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़े !
- फिर अगले पेज नीचे दी गई कुरान ए पाक की आयते करीमा को १०१ मर्तबा पढ़े !
- आखिर में फिर से दुरद शरीफ ११ मर्तबा पढ़िए !
- आपको याद रहे पुरे वक़्त पढ़ने के दौरान मतलूब का तसब्बुर कीजिये !
- ये वज़ीफ़ा टीक ११ रोज़ या फिर फायदे होने में देर हो तो २१ रोज़ पढ़ सकते है !
- इंशा अल्लाह मतलब बे-करार होगा और हाज़िर होगा !
- यह अमल बहुत मुजराब अमल है गौर तलब: खवातीन हैज़ के ७ रोज़ के दोरान कतई ना कीजिय !